उषा प्रियंवदा: सामाजिक परिवर्तन लाने वाली एक साहित्यिक आवाज़ (2020)
डॉ. ज्योति श्री बालकृष्ण
JCR. 2020: 13131-13135
Abstract
उषा प्रियंवदा, उषा निल्सन का उपनाम, विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय, मैडिसन में दक्षिण एशियाई अध्ययन की एक भारतीय मूल की अमेरिकी एमेरिटा प्रोफेसर हैं। वह हिंदी की एक प्रखर उपन्यासकार, लघु-कहानी लेखिका और हिंदी से अंग्रेजी में अनुवादक हैं। उनकी साहित्यिक रचनाएँ महिलाओं के जीवन की जटिलताओं को उजागर करती हैं, विशेषकर उन महिलाओं के जीवन की जो अटूट सेवा और आज्ञाकारिता की सामाजिक अपेक्षाओं से जूझती हैं। अपने पात्रों के माध्यम से, वह मुक्ति, एजेंसी और लचीलेपन के विषयों की खोज करती है। साहित्य में उषा प्रियंवदा का योगदान सामाजिक परिवर्तन, चुनौतीपूर्ण मानदंडों और हाशिए की आवाज़ों को बढ़ाने के साथ प्रतिध्वनित होता है।
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उषा प्रियंवदा, उषा निल्सन, दक्षिण एशियाई अध्ययन, हिंदी साहित्य, महिलाओं का जीवन, एजेंसी, सामाजिक मानदंड, सामाजिक परिवर्तन, हाशिए की आवाजें।